إعدادات العرض
दुनिया के मोह से आज़ाद रहो, अल्लाह का प्यारा बन जाओगे और लोगों के पास जो कुछ है, उसका लोभ मत करो, लोग तुम्हें प्यार…
दुनिया के मोह से आज़ाद रहो, अल्लाह का प्यारा बन जाओगे और लोगों के पास जो कुछ है, उसका लोभ मत करो, लोग तुम्हें प्यार देंगे।
सह्ल बिन साद साइदी- रज़ियल्लाहु अन्हु- का वर्णन है कि एक व्यक्ति अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पास आया और बोलाः ऐ अल्लाह के रसूल! मुझे कोई ऐसा कार्य बताइए कि मैं करूँ तो मैं अल्लाह का प्यारा हो जाऊँ और लोगों का भी प्यारा हो जाऊँ। तो फ़रमायाः दुनिया के मोह से आज़ाद रहो, अल्लाह का प्यारा बन जाओगे और लोगों के पास जो कुछ है, उसका लोभ न करो, लोग तुम्हें प्यार देंगे।
[सह़ीह़] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है ।]
الترجمة
العربية বাংলা Bosanski English Español فارسی Français Bahasa Indonesia Русский Tagalog Türkçe اردو 中文 ئۇيغۇرچە Hausa Kurdî Português සිංහල دری অসমীয়া پښتو O‘zbek Tiếng Việt Македонски Nederlandsالشرح
एक व्यक्ति ने अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के पास आकर इच्छा व्यक्त की कि आप उनका मार्गदर्शन एक ऐसे कार्य की ओर करें, जिसे करने पर वह अल्लाह का प्रिय बन जाए और लोगों का भी प्रिय बन जाए। उनकी इच्छा सुन अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने उन्हें एक ऐसा व्यापक कार्य बताया, जो अल्लाह एवं लोगों के प्रेम की प्राप्ति का सबब हुआ करता है। आपने उससे कहा : "दुनिया के मोह से आज़ाद रहो" यानी दुनिया की तलब केवल ज़रूरत भर करो, ज़रूरत से अधिक एवं जो आख़िरत में लाभदायक न हो उसके पीछे मत भागो, दुनिया की उन चीज़ों से सावधान रहो जो तुम्हारे धर्म की हानि कर सकती हैं। इसी तरह लोगों से लेनदेन के समय भी लोभरहित रहो एवं उदारता दिखाओ। साथ ही जब तुम्हारे तथा किसी के बीच अधिकार की बात हो या कोई अनुबंध हो, तो इस हदीस के अनुरूप व्यवहार दिखाओ : "अल्लाह की दया हो ऐसे व्यक्ति पर, जो बेचते समय उदारता दिखाता हो, ख़रीदते समय उदारता दिखाता हो, क़र्ज़ अदा करते समय उदारता दिखाता हो और क़र्ज़ माँगते समय उदारता दिखाता हो।" इससे तुम लोगों की नज़र में प्रिय बन जाओगे और अल्लाह के निकट दया के पात्र बन जाओगे।