बरकत वाले एवं महान अल्लाह ने कहा है : मैंने अपने अच्छे कर्म करने वाले बंदों के लिए वह चीज़ें तैयार कर रखी हैं,…

बरकत वाले एवं महान अल्लाह ने कहा है : मैंने अपने अच्छे कर्म करने वाले बंदों के लिए वह चीज़ें तैयार कर रखी हैं, जिन्हें न किसी आँख ने देखा है, न किसी कान ने सुना है और न किसी इनसान के दिल में उनका ख़याल आया है।

अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अनहु- का वर्णन है कि अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया है : बरकत वाले एवं महान अल्लाह ने कहा है : मैंने अपने अच्छे कर्म करने वाले बंदों के लिए वह चीज़ें तैयार कर रखी हैं, जिन्हें न किसी आँख ने देखा है, न किसी कान ने सुना है और न किसी इनसान के दिल में उनका ख़याल आया है।" अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अनहु- ने कहा : यदि तुम चाहो, तो यह आयत पढ़ लो : (कोई प्राणी नहीं जानता कि हमने उनके लिए आँखें ठंडी करने वाली क्या-क्या चीज़ें छुपा रखी हैं।) [सूरा सजदा : 17]

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

الشرح

अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्मल ने बताया है कि बरकत वाले तथा महान अल्लाह ने कहा है : मैंने जन्नत के अंदर अपने सदाचारी बंदों के सम्मान में ऐसी-ऐसी चीज़ें तैयार कर रखी हैं, जिन्हें न किसी आँख ने देखा है, न किसी कान ने उनकी विशेषताओं को सुना है और न उनकी वास्तविकता की कल्पना किसी दिल ने की है। इस हदीस को बयान करने के बाद अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अनहु- ने कहा कि यदि तुम चाहो तो यह आयत पढ़ लो : "कोई प्राणी नहीं जानता कि उनके लिए आँखें ठंडी करने वाली क्या-क्या चीज़ें छुपाकर रखी गई हैं।" [सूरा सजदा : 17]

فوائد الحديث

यह हदीस उन हदीसों में से है, जो अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने अपने रब से रिवायत करके कहा है। इस तरह की हदीस को हदीस-ए-क़ुदसी या हदीस-ए-इलाही कहा जाता है। इससे मुराद वह हदीस है, जिसके शब्द तथा अर्थ दोनों अल्लाह के हों।

हालाँकि, इसमें क़ुरान की वे विशेषताएँ नहीं हैं जो क़ुरान को दूसरों से अलग करती हैं, जैसे कि क़ुरान की तिलावत के माध्यम से इबादत करना, इसकी तिलावत के लिए तहारत प्राप्त करना, इसका चमत्कारी होना और इसके द्वारा चुनौती देना, आदि।

التصنيفات

जन्नत तथा जहन्नम की विशेषताएँ