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फ़ज़ीलतें तथा आदाब - الصفحة 7
फ़ज़ीलतें तथा आदाब - الصفحة 7
8- ऐ अबू बत्न, हम केवल शांति स्थापित करने के लिए जाते हैं और इसी लिए हर मिलने वाले को सलाम करते हैं।
11- कोई दास जब अपने मालिक का शुभचिंतक रहे और अच्छी तरह अल्लाह की इबादत करे, उसे दोगुना प्रतिकार मिलेगा
74- किसी मुसलमान औरत के लिए जायज़ नहीं कि एक दिन एवं एक रात की यात्रा किसी महरम के बिना करे।
78- ऐ लोगो! अल्लाह के सामने तौबा करो, क्योंकि खुद मैं दिन में सौ बार तौबा करता हूँ।
80- फ़ितना के समय इबादत मेरी ओर हिजरत करने की तरह है।
85- अल्लाह उस व्यक्ति की ओर नहीं देखेगा, जो अभिमान के कारण अपना कपड़ा लटकाकर चलता हो।
86- दो नेमतें ऐसी हैं कि उनमें बहुत-से लोग घाटा उठाते हैं : स्वास्थ्य तथा फुरसत के क्षण।
88- बहुत ज़्यादा लानत करने वाले क़यामत के दिन गवाही देने वाले और सिफ़ारिश करने वाले नहीं होंगे।
93- क़सम सामान को मार्केट में चलाने का माध्यम तो है, लेकिन कमाई की बरकत ख़त्म कर देती है।
